अम्मी के साथ कभी करती थी गेहूं साफ़, अब फरहीन अदा’लत में बैठकर सुनाएंगी फैसला, अब्बू ने..




आज के दौर में तालीम ही सबसे बड़ी दौलत है जोकि हर किसी को समझ आ गई है। आज गरीब से गरीब परिवार अपने बच्चों को खुब पढ़ाना लिखाना चाहते हैं। चाहे लड़का हो या लड़की सभी को उच्च शिक्षा आज उनके मां बाप देने की कोशिश कर रही है। शायद इसी वजह से आज गरीब गरीब परि वारों की बेटियां बड़े बड़े पदों पर काबिज़ है। इसी तरह उत्तराखंड न्यायिक सेवा सिविल जज जुनियर डिवीजन की परिक्षा,

पास आइशा फरहीन ने पुरे रुड़की का नाम रौशन किया। आइशा फरहीन जोकि बेहद निम्न परिवार से आती है पहले हूं प्रयास में उन्होंने सफलता हासिल की है। आइशा फरहीन के पिता शराफत अली रुड़की कचहरी में अघिवक्ता के पास मुंशी का कम करते थे। वहीं से आइशा को जज बनने की इच्छा हुई आज वो जज बन गई है तथा परिवार वाले अपने बेटी की सफ लता पर काफी खुश हैं। यदि सभी लोग बघाईयां दे रहे हैं।

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने मंगलवार को उत्त राखंड न्यायिक सेवा सिविल जज जुनियर डिवीजन परिक्षा में कुल 17 उम्मीदवारो ने काम याबी हासिल की है। इनमें से एक आइशा फरहीन है।वो बैहद गरीब परिवार से आती है और जज बनकर वो अपने घर का नाम रौशन किया तथा पुरे परिवार आज खुश हैं।

ऐसे में उसकी खबर जब सोशल मीडिया पर सामने आई तो सभी लोगो ने उन्हें दिल से सलाम किया है और लोग उन्हें खूब मुबारकबाद दे रहे हैं। लोगों का कहना है कि उन्होंने पूरी कौम का नाम रोशन किया है।

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