सऊदी अरब ने किया इनकार
सऊदी अरब और भारत के बीच काफी अच्छे संबंध रहे हैं और मोदी सरकार के कार्यकाल में दोनों देश काफी करीब भी आए हैं। मोदी सरकार के कार्यकाल में दोनों देशों के बीच कई करार भी हुए हैं वहीं कश्मीर मुद्दे पर सऊदी अरब ने भारत का ही साथ दिया है। लेकिन, कच्चे तेल को लेकर भारत और सऊदी अरब के बीच तनातनी का माहौल बन गया है। सऊदी अरब क्राउन प्रिंस और भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच पिछले हफ्ते टेलीफोनिक बातचीत हुई थी, जिसमें दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को और भी ज्यादा मजबूत बनाने की बात की थी। पीएम मोदी ने क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से उस वक्त बात की थी जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने क्राउन प्रिंस से बात करने से इनकार कर दिया था। लेकिन, बावजूद इसके सऊदी अरब ने कच्चे तेल को लेकर भारत को झटका दिया है।
भारत को झटका
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सऊदी क्राउन प्रिंस की बातचीत के बाद तेल को लेकर दोनों देशों के बीच गंभीर मतभेत पनप गये हैं। दरअसल, मोदी सरकार किसी भी तरह से भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी लाना चाहती है, जिसके लिए भारतीय तेल कंपनियों को ज्यादा से ज्यादा तादाद में तेल चाहिए। भारत सबसे ज्यादा कच्चे तेल की आयात ओपेक देशों से करता है, जिसमें सऊदी अरब शामिल है। भारत सऊदी अरब से सबसे ज्यादा कच्चे तेल की खरीदारी करता है लेकिन सऊदी अरब ने कच्चे तेल के उत्पादन में कमी कर दी है, जिसका सीधा असर भारत पर पड़ा है। भारत ज्यादा कच्चे तेल की आयात करना चाहता है जो उसे सऊदी अरब से मिल नहीं रहा है। ऐसे में भारत सरकार की तरफ से सऊदी अरब से कच्चे तेल के उत्पादन में इजाफा करने की मांग की गई थी, जिसे सऊदी अरब सरकार ने खारिज कर दिया।

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