गुजरात ने सूखे-बाढ़ पर मोदी सरकार से मांगी 10 हजार करोड़ की म'दद, मिला निल बटे सन्ना'टा

 



विजय रूपाणी (लेफ्ट) के नेतृत्व वाली गुजरात सरकार ने मोदी सरकार से 2018 के सूखे और 2020 की बाढ़ के लिए मदद के तौर पर करोड़ों रुपए मांगे, लेकिन मोदी सरकार की तरफ से पैसे नहीं मिले.

गुजरात (Gujarat). प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह राज्य है. मोदी खुद यहां लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे हैं. अब गुजरात की बीजेपी सरकार ने ही विधानसभा में बताया है कि उसे केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से जो मदद मिलनी चाहिए थी, वह नहीं मिली है. गुजरात सरकार ने केंद्र से 10,609 करोड़ रुपए की मदद मांगी, लेकिन एक पैसा नहीं मिला. ये मदद किसलिए मांगी गई थी? 2018 में राज्य में पड़े सूखे और 2020 में आई बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद के लिए.

मोदी सरकार ने कितनी मदद की?

गुजरात की विजय रूपाणी सरकार से विधानसभा में कांग्रेस विधायक भागाभाई बराड़ ने सवाल पूछा था. पूछा था कि सूखे और बाढ़ से निपटने के लिए पिछले दो साल में 31 दिसंबर 2020 तक गुजरात सरकार ने केंद्र से कितनी वित्तीय सहायता मांगी है? और पिछले एक साल में केंद्र की ओर से इस सिलसिले में कितनी वित्तीय मदद मुहैया कराई गई है?

इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, राजस्व मंत्री कौशिक पटेल ने इसका लिखित जवाब असेंबली के पटल पर रखा. इसमें उन्होंने बताया कि 2018 के सूखे के वक्त राज्य सरकार ने केंद्र से 2270.31 करोड़ रुपए की मदद मांगी थी. इसी तरह 2020 में बाढ़ के वक्त 7239.47 करोड़ रुपए की मदद मांगी गई थी.

सूखे से निपटने के लिए कितनी मदद मिली, इसके जवाब में राजस्व मंत्री ने केंद्र सरकार की एक चिट्ठी का जिक्र किया. यह चिट्ठी 20 फरवरी 2019 को लिखी गई थी. इसमें लिखा था कि राज्य सरकार को इस मद में किसी भी तरह का फंड उपलब्ध नहीं कराया जा सकता. इस तरह से 2018 के सूखे के लिए राज्य सरकार की मदद के आग्रह पर केंद्र से मिली धनराशि शून्य है.

गुजरात की विजय रुपाणी सरकार ने सूखा और बाढ़ के लिए केंद्र से मदद का पैसा न मिलने की बात विधानसभा में कही है.

गुजरात सरकार को अब भी इंतजार

मंत्री कौशिक पटेल ने अपने जवाब में यह भी बताया कि गुजरात सरकार को 2020 की बाढ़ के लिए मांगी गई वित्तीय मदद पर केंद्र के जवाब का अब भी इंतजार है. कांग्रेस विधायक शैलेश पटेल के पूछे गए एक अन्य सवाल के जवाब में राजस्व मंत्री पटेल ने विधानसभा को बताया कि सरकार ने 1 अप्रैल 2018 से 31 दिसंबर 2020 के बीच आपदा निधि में से 5,996.37 करोड़ रुपए खर्च किए. गुजरात सरकार की आपदा निधि में 93.94 करोड़ रुपए बचे हैं.

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